कोसी के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही बिथान प्रखंड के चार पंचायत के बीस गांवों के निचले हिस्सों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इससे प्रभावित गांव के लोगों का जनजीवन प्रभावित होने लगा है। जहां कई जगह सड़क पर पानी चढ़ गया है वहीं खेत में लगी किसानों की फसल पानी में डूबने लगी है। बाढ़ के पानी में और इजाफा होने की आशंका से कुछ लोग अपने घर का सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में भी जुट गये हैं। मिली जानकारी केे अनुसार, बिथान के सलहा चंदन, सलहा बुर्जुग, नेरपा व बेलसंडी पंचायत के लगभग बीस गांवों के निचले हिस्से बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। इससे इन इलाकों के दस हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैें। कोसी के पानी से किसानों के खेत में लगी फसल भी डूबने लगी है। कोसी के जलस्तर में अधिक वृद्धि होने पर फसल पूरी तरह डूब जाने की आशंका से किसान चिंतित हैं।

वहीं जिनके घर के पास अधिक पानी आ चुका है वे अपने सामान सुरक्षित स्थान की ओर ले जाने लगे हैं। कोसी के पानी से कई ग्रामीण सड़कें भी जलमग्न हो चुकी है। सड़क सम्पर्क भंग होने सेे लोगों के समक्ष आवागमन की समस्या उत्पन्न होने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि कोसी के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने पर एक दो दिन में पूर्णरूपेण यातायात बाधित हो जायेगी। तब उनके सामने आवागमन के लिए एकमात्र नाव ही सहारा रह जाएगा। ग्रामीणों के अनुसार, निचली भूमि में बसे लोग अपने घरों को छोड़ कर वाटरवेज तटबंध को शरण स्थली बनाने की तैयारी में जुट गये हैं। नेरपा के शिवनारायण यादव, उदय मुखिया, कौराही के सुशील सहनी, सलहा चन्दन के लक्ष्मी मुखिया, दीपक मुखिया आदि ने बताया कि निचले इलाके के घरों में कोसी का पानी घुस गया है। फसलें डूब जाने पशु चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने बताया कि हमलोग रेलवे बांध एवं बाटरबेज तटबंध पर आशियाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं। बाढ़ को देखते हुए उन्होंने प्रशासन से शुद्ध पेयजल एवं सरकारी नावें की व्यवस्था करने का आग्रह किया है।