प्रखंड की पंचायतों में कोविड 19 के तहत उपभोक्ताओं को दिए जा रहे नि:शुल्क चावल के साथ दाल नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि पॉश मशीन की पर्ची में दाल भी अंकित है। इससे उपभोक्ताओं में जनवितरण विक्रेताओं के प्रति रोष व्याप्त है।
भाकपा माले नेता सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने दाल गबन की आशंका जताते हुए मामले की जांच कर इसमें शामिल डीलर-एमओ पर कार्रवाई की मांग की है। लाकडाउन अवधि में गरीब उपभोक्ताओं के लिए प्रधानमंत्री ने तीन महीने तक गरीबों को प्रति यूनिट 5 किलो चावल एवं एक किलो दाल नि:शुल्क देने की घोषणा की है। माले नेता ने आरोप लगाते हुए बताया कि 5 किलो की जगह 4 किलो चावल दिया जा रहा है। जबकि दाल की लूट खुल्लमखुल्ला की जा रही है। कहा कि दाल महंगी होने के कारण माफिया की नजर लगी है।