महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) कब खत्म होगी फिलहाल कोई दावा नहीं कर सकता. लेकिन, इसकी दवा तैयार करने को लेकर कई देश दावा ठोक चुके हैं. इजारायल से लेकर ब्रिटेन तक यह दावा किया गया है कि वो सबसे पहले महामारी की दवा तैयार करेंगे. अमेरिका और चीन भी इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हैं. भारत में भी युद्धस्तर पर दवा के टेस्ट का काम चल रहा है. लेकिन, कोई भी अब तक यह दावा नहीं कर पाया है कि आखिर दवा कब तक उपलब्ध होगी.
अक्टूबर तक आ सकती है दवा
अमेरिका की बड़ी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (CEO) अल्बर्ट बूर्ला (Albert Bourla) का दावा है कि अगर सबकुछ उम्मीदों के मुताबिक सही रहा तो अक्टूबर तक वैक्सीन की लाखों खुराक तैयार कर सप्लाई कर दी जाएगी. कंपनी ने जो वैक्सीन तैयार किया है, उसे BNT162 नाम दिया है. 5 मार्च को जर्मनी में इस वैक्सीन की पहली डोज का इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया था. टाइम्स ऑफ इजरायल के साथ बातचीत में अल्बर्ट बूर्ला ने कहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहता है और भाग्य हमारा साथ देता है तो हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं कि सुरक्षित और प्रभावी कोरोना वायरस की दवा इस साल अक्टूबर तक तैयार आ सकती है.
दरअसल, फाइजर यूरोप और अमेरिका में जर्मनी की फार्मा कंपनी बायोनटेक (Biontech) के साथ मिलकर कई दवाओं पर शोध कर रही है. फाइजर कंपनी फिलहाल चार अलग-अलग तरह की वैक्सीन पर काम कर रही है. कंपनी को उम्मीद है कि जून या जुलाई तक ये साफ हो जाएगा कि कौन सी वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर और सुरक्षित है. इसके लिए फाइजर डाटा इकट्ठा कर उसका विश्लेषण कर रही है.
वहीं, ब्रिटेन की फार्मा कंपनी AstraZeneca ने भी एक रिपोर्ट में भरोसा जताया है कि कोरोना वायरस की दवा इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएगी. AstraZeneca यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर वैक्सीन बनाने पर काम कर रही है. एस्ट्रेजेनेका के Pascal Soriot ने भी दावा किया है कि साल 2020 के अंत तक इस महामारी की दवा बाजार में आ जाएगी.
दुनियाभर में कई दवा कंपनियों के बीच वैक्सीन बनाने को लेकर होड़ मची हुई है. WHO के मुताबिक, इस वक्त पूरे विश्व में 120 वैक्सीन पर काम चल रहा है. वहीं, अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों का अनुमान है कि नई वैक्सीन तैयार होने में अभी एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है. लेकिन, Covid-19 जैसी महामारी वाली विशेष परिस्थितियों में एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन कामयाब हो सकती हैं. दुनिया भर की करीब 100 से ज्यादा लैब कोरोना वायरस की दवा तैयार करने में लगी हुई हैं. इनमें से 10 लैब अपनी दवा का क्लीनिकल ट्रायल करा रहे हैं.